विनीत श्रीवास्तव चंदेरी -- सरकार भले ही स्वच्छता अभियान चला कर सफाई के दावे और प्रयास करे लेकिन सच्चाई तो यह है कि सरकार
के नुमाइंदे ही इस अभियान को पलीता लगाने से नहीं चूक
रहे। रही सही कसर कुछ लोग पूरी कर देते हैं, जो सफाई
का मतलब ही नहीं समझते। सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता अभियान का पालन कितना और किस प्रकार होता है। इस हकीकत की जानकारी गुरुवार को चंदेरी नगरपालिका क्षेत्र के तहसील कार्यालय में देखने को मिली। जहां कार्यालय में कोने की दीवारें पान, गुटखा और पान मसाले की पीक से लाल हो चुकी हैं। विभागीय अधिकारी प्रतिदिन अपने कार्यालय में जाते समय इन दीवारों को देखते जरूर होंगे, लेकिन इन दीवारों की सफाई कराना शायद उन्हें उचित नहीं लगता। जिससे तहसील कार्यालय में गंदगी का आलम हैं। प्रधानमंत्री बार-बार सभी देशवासियों से अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने का आह्वान करते हैं, इसके बावजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालयों की गंदी हो चुकी दीवारों और अन्य क्षेत्र की सफाई करना अपमानजनक लगता है। कार्यालयों में पहुंचने वाले आम नागरिक भी इस स्थिति के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। वे पान, गुटखा और पान मसाला खाकर तहसील कार्यालय में आते हैं और किसी भी स्थान पर थूक देते हैं।
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